Prime Minister Narendra Modi has confidently predicted a record surge in the stock market on June 4, coinciding with the anticipated electoral success of the Bharatiya Janata Party (BJP) in the Lok Sabha elections. In an interview with the Economic Times, Modi stated, “I can say with confidence that on June 4, as BJP hits record numbers, the stock market will also hit new record highs.”
Reflecting on the transformative work of his government, Modi emphasized the extensive reforms and fiscal prudence that have characterized the past decade. “Our government has enacted numerous reforms and managed the economy with exceptional fiscal prudence,” Modi remarked. This strategic approach has garnered significant trust from the stock market, reflected in its remarkable performance since he took office.
“When we assumed power, the Sensex was around 25,000 points. Today, it stands at approximately 75,000 points, marking a historic rise. Recently, we celebrated reaching a $5 trillion market capitalization for the first time ever.”
Economic Growth and Investor Confidence 🚀
Modi highlighted the transformative changes during the BJP’s two terms in office, particularly the surge in the number of Demat accounts, which signifies growing public confidence in the Indian economy. “The number of Demat accounts has soared from just 2.3 crore to over 15 crore now. Similarly, mutual fund investors have quadrupled from 1 crore in 2014 to 4.5 crore today. This broader base of domestic investment highlights the increasing activity and vibrancy of local investors, who now play a more substantial role in our markets than ever before.”
The Prime Minister emphasized that investing in the stock markets has become more accessible due to the pro-market reforms implemented by his government. “Our investors are well aware of the reforms we’ve introduced, which have created a robust and transparent financial ecosystem,” he added. This financial ecosystem has facilitated the financialization of savings, contributing significantly to the economic landscape over the past decade.
Looking Ahead: Stock Market Optimism 🌟
Modi’s confident outlook for June 4 is rooted in the belief that the BJP’s expected electoral success will further bolster market confidence, driving stock prices to new record levels. As the country looks ahead to this date, the anticipation of a thriving market is palpable, reflecting the trust and optimism that investors place in India’s economic trajectory under the current administration.
Impact on Everyday Investors 📊
Beyond the stock market highs and economic statistics, Modi’s government has focused on making the financial system more inclusive for everyday investors. Initiatives aimed at improving financial literacy and accessibility have empowered more citizens to participate in the stock market. The rise in Demat accounts and mutual fund investors is a testament to this broader participation.
The administration’s commitment to creating a transparent and efficient financial ecosystem has encouraged domestic investors to play a more active role in the market. This shift not only boosts market liquidity but also stabilizes it by reducing dependency on foreign investments.
As the country approaches the crucial date of June 4, the predicted stock market rally is more than just a number. It symbolizes the confidence and optimism of millions of investors who believe in India’s growth story. Under PM Modi’s leadership, the blend of economic reforms, fiscal prudence, and inclusive financial strategies appears poised to propel the stock market to unprecedented heights, reflecting the robust health of the Indian economy.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपेक्षित चुनावी सफलता के साथ, 4 जून को शेयर बाजार में रिकॉर्ड उछाल की भविष्यवाणी की है। इकोनॉमिक टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में, मोदी ने कहा, “मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 4 जून को, जैसे ही भाजपा रिकॉर्ड संख्या को छूएगी, शेयर बाजार भी नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच जाएगा।” अपनी सरकार के परिवर्तनकारी कार्यों पर विचार करते हुए, मोदी ने व्यापक सुधारों और राजकोषीय समझदारी पर जोर दिया जो पिछले दशक की विशेषता रही है।
मोदी ने टिप्पणी की, “हमारी सरकार ने कई सुधार किए हैं और असाधारण राजकोषीय समझदारी के साथ अर्थव्यवस्था का प्रबंधन किया है।” इस रणनीतिक दृष्टिकोण ने शेयर बाजार से महत्वपूर्ण विश्वास अर्जित किया है, जो उनके पदभार संभालने के बाद से इसके उल्लेखनीय प्रदर्शन में परिलक्षित होता है। “जब हमने सत्ता संभाली, तो सेंसेक्स 25,000 अंक के आसपास था। आज, यह लगभग 75,000 अंक पर है, जो एक ऐतिहासिक वृद्धि है। हाल ही में, हमने पहली बार 5 ट्रिलियन डॉलर के बाजार पूंजीकरण तक पहुंचने का जश्न मनाया।”
आर्थिक विकास और निवेशकों का विश्वास 🚀
मोदी ने भाजपा के दो कार्यकालों के दौरान परिवर्तनकारी परिवर्तनों पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में जनता के बढ़ते विश्वास का प्रतीक है। “डीमैट खातों की संख्या केवल 2.3 करोड़ से बढ़कर अब 15 करोड़ से अधिक हो गई है। इसी तरह, म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या 2014 में 1 करोड़ से बढ़कर आज 4.5 करोड़ हो गई है। घरेलू निवेश का यह व्यापक आधार स्थानीय निवेशकों की बढ़ती गतिविधि और जीवंतता को उजागर करता है। , जो अब हमारे बाज़ारों में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”
प्रधान मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार द्वारा लागू किए गए बाजार समर्थक सुधारों के कारण शेयर बाजारों में निवेश अधिक सुलभ हो गया है। उन्होंने कहा, “हमारे निवेशक हमारे द्वारा शुरू किए गए सुधारों से अच्छी तरह परिचित हैं, जिन्होंने एक मजबूत और पारदर्शी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है।” इस वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र ने बचत के वित्तीयकरण की सुविधा प्रदान की है, जो पिछले दशक में आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
आगे की ओर देखना: बाज़ार आशावाद 🌟
4 जून के लिए मोदी का आत्मविश्वासपूर्ण दृष्टिकोण इस विश्वास पर आधारित है कि भाजपा की अपेक्षित चुनावी सफलता बाजार के विश्वास को और बढ़ाएगी, जिससे स्टॉक की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएंगी। जैसा कि देश इस तारीख का इंतजार कर रहा है, एक संपन्न बाजार की प्रत्याशा स्पष्ट है, जो वर्तमान प्रशासन के तहत भारत के आर्थिक प्रक्षेप पथ में निवेशकों के विश्वास और आशावाद को दर्शाता है।
रोजमर्रा के निवेशकों पर प्रभाव 📊
शेयर बाज़ार की ऊँचाइयों और आर्थिक आँकड़ों से परे, मोदी सरकार ने रोज़मर्रा के निवेशकों के लिए वित्तीय प्रणाली को अधिक समावेशी बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। वित्तीय साक्षरता और पहुंच में सुधार लाने के उद्देश्य से की गई पहल ने अधिक नागरिकों को शेयर बाजार में भाग लेने के लिए सशक्त बनाया है। डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड निवेशकों में वृद्धि इस व्यापक भागीदारी का प्रमाण है।
एक पारदर्शी और कुशल वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता ने घरेलू निवेशकों को बाजार में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया है। यह बदलाव न केवल बाजार की तरलता को बढ़ाता है बल्कि विदेशी निवेश पर निर्भरता को कम करके इसे स्थिर भी करता है।
जैसे-जैसे देश 4 जून की महत्वपूर्ण तारीख के करीब पहुंच रहा है, शेयर बाजार में अनुमानित तेजी महज एक संख्या से कहीं अधिक है। यह उन लाखों निवेशकों के विश्वास और आशावाद का प्रतीक है जो भारत की विकास कहानी में विश्वास करते हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में, आर्थिक सुधारों, राजकोषीय समझदारी और समावेशी वित्तीय रणनीतियों का मिश्रण शेयर बाजार को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत स्वास्थ्य को दर्शाता है।